

अपने बनाए ग्रीटिंग कार्ड दिखाते बच्चे…
– फोटो : amar ujala
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
सार
- विश्व कैंसर दिवस पर देश के अलग अलग राज्यों से बच्चों की पहल
- कैंसर से जंग लड़ रहे बच्चे, फिर भी पीएम को भेजे ग्रीटिंग कार्ड पर बनाया अपना मुस्कराता चेहरा
- कई कैंसर ग्रस्त बच्चों के माता पिता ने भी भेजे हैं पत्र
विस्तार
मैं आपको ये ग्रीटिंग कार्ड भेज रही हूं। आपने कोरोना के लिए जो किया है उसकी बधाई देने के लिए देखो मैंने कार्ड पर अपना चेहरा भी बनाया है। मैं जानती हूं आप मुझे मायूस नहीं करोगे। मेरी मां की आंखों में आंसू नहीं आने दोगे। मैं जब बड़ी हो जाऊंगी तो पढ़ लिखकर एक डॉक्टर बनूंगी और फिर आपका भी ध्यान रखूंगी। आपको कभी परेशान नहीं होने दूंगी।
यह शब्द उस मासूमियत के गवाह हैं जो इस वक्त जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही है। विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर शिखा जैसे कई बच्चों ने अलग अलग राज्यों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रीटिंग कार्ड भेजे हैं। जानलेवा कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी इन बच्चों ने ग्रीटिंग कार्ड पर न सिर्फ अपना मुस्कराता चेहरा बनाया है बल्कि कोरोना टीका पर पीएम मोदी को बधाई भी दी है।
देश में हर साल कैंसर से लाखों मासूम जिंदगियां मौत की शिकार हो रही हैं। आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के लिए कैंसर ग्रस्त अपने बच्चों का उपचार कराना किसी जंग से कम भी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में उपचार का इंतजार और प्राइवेट में लाखों का खर्च ज्यादात्तर बच्चों को समय रहते बचाने में सफल नहीं हो पाते। इसीलिए कैंसर ग्रस्त बच्चों के लिए अलग एक योजना लागू करने की अपील को लेकर बच्चों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
बच्चों में कैंसर बीमारी को लेकर काम करने वाले संगठन कैनकिड्स की अध्यक्ष पूनम बगई का कहना है कि विश्व स्तर पर हर साल करीब तीन लाख बच्चे कैंसर ग्रस्त पाए जाते हैं जिनमें एक चौथाई भारतीय हैं। देश में करीब 250 अस्पतालों में कैंसर पीड़ित बच्चों का उपचार होता है लेकिन यहां 30 फीसदी बच्चे ही उपचार कराने पहुंचते हैं। इस वक्त कैंसर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल किया जाना बेहद जरूरी है।
Source link